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*बरही और बिजरावगढ़ क्षेत्र में नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रहे क्रैशर प्लांट प्लांट से निकलने वाली धूल डस्ट मानव के स्वस्थ पर डाल रही बुरा असर*

कटनी से सौरभ श्रीवास्तव की रिपोर्ट

 

 

 

*कटनी* – सूत्रों के अनुसार जिले के बरही और बिजरावगढ़ क्षेत्र में नियमों और मानकों की अनदेखी करते हुए क्रैशर प्लांटों का संचालन धड़ल्ले से जारी है। संबंधित विभागों की मौन सहमति या मिलीभगत के कारण इन क्षेत्रों में चल रहे कई प्लांट पर्यावरणीय अनुमति, सुरक्षा मानकों और भूमि उपयोग की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।

 

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि धूल, ध्वनि प्रदूषण और ट्रकों की आवाजाही से क्षेत्र का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। कई बार शिकायतें करने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

विभागीय नियमों के अनुसार क्रैशर प्लांटों को पर्यावरणीय स्वीकृति, ज़मीन का वैध उपयोग, और श्रमिकों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक होता है, लेकिन इन क्षेत्रों में ज्यादातर प्लांट इन शर्तों को दरकिनार कर अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं।

 

अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब जागता है और इन नियमों को ताक पर रखने वाले प्रभावशाली प्लांट संचालकों पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।

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